दूध तो हम्मै बहुत पसंद बा, आपका?
कुछ भी हो हम गोरक्षा कर दिखायेंगे. सौगंध है जीना पड़े चाहे 100 या 150 साल गोरक्षा कर दिखायेंगे. कुछ भी हो हम गोपालन कर दिखायेंगे. और यदि नहीं माने ये क़ानूनी साहबजादे... तो कोई गम नही. क्योंकि होंगी बलिदान रोज जितनी गायें इस भारत माँ की आँचल में उसी आँचल की कसम गोपालन कर उतनी ही गायें रोज पैदा कर दिखायेंगे. दुश्मनों का सर हम कलम कर दिखायेंगे. और यदि आई इस शरीर को छोड़ने की नौबत तो कोई सोच नही... अपने ही हाथों इस सर को धड से अलग कर दिखायेंगे कुछ भी हो हम गोरक्षा कर दिखायेंगे.
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