अपनी मौलिक निशानी,
घर की किसानी.
छूट गया पानी,
रह गयी कहानी.
है तो वो पुरानी,
पर कोई न सानी.
चाल मस्तानी,
करती सबकी निगरानी.
ले जा रही जवानी,
वो प्यारी सलोनी.
होटल की बिरयानी,
वो दाने की मौनी.
सोच तूफानी,
कर्म दीवानी.
अपनी मौलिक निशानी,
घर की किसानी.
-Shishu Singh