मित्र-मंडली

Friday 11 January 2013

बलात्कार की मूलधारणा.



बलात्कार की मूलधारणा.
बलात्कार होने का मूल कारण क्या है?
बलात्कार होने का मूल कारण यह कभी नही हो सकता की नारी का पहनावा अमुख तरीके से था इस कारण यह घटना घटी. बल्कि यह बलात्कारी के मन में चलती लगातार सोच और उसकी मनोदसा का प्रत्याक्षीकरण है. 
जो लोग यह कहते हैं की अमुख पहनावे से कर्ता की कामवासना इस स्तर पर पहुँच जाती है की वह बलात्कार कर बैठता है. यह बिलकुल गलत और आधारहीन है. क्योंकि यदि ऐसा होता तो कभी ५५ या ६० साल की माँओं के साथ यह कृत्य न घटित होता.
 यदि कोई फूल बहुत ही जादा सुन्दर और खुसबू युक्त है और कोई उसे तोड़ कर मसल डालें और गलती भी फूल की बताई जाय तो यह कैसे न्याय संगत युक्ति हो सकती है. 
अतएव बलात्कार, बलात्कारी के मन में चलती लगातार चिंतन का ही रूप है.
सही कहा गया है 'जैसा खावे अन्न वैसा होवे मन' आजकल हमारी खानपान की शैली बदलती जा रही है साथ ही साथ हमारी सोच भी बदलती जा रही है. यह सब महज भावी समाज के लिए ही अहितकर न होकर बल्कि हमारी पीढ़ियों के लिए भी हानिकारक है, क्योंकि हम अपने आवर्ती सोच और कृत्यों द्वारा अपना चरित्र परिवर्तित करते जा रहे हैं, और न चाहते हुए भी यही हम अपने बच्चों में भी incode करते जा रहे हैं. 

1 comment:

  1. थोडा और लिखिए।
    कैसे रोका जा सकता है बतलाएं।

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