मित्र-मंडली

Thursday 6 December 2012


        रिश्ता
हमने चलना था सीखा 
वो उड़ने थी लगी
मै दौड़ना था सीखा 
वो चूमने गगन थी लगी
हमने हसना था सीखा 
वो चहकने थी लगी
जाने रिश्ता क्या था 
जो वो समझने थी लगी .

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